1) Authenticity - Authenticity is being the same person on all occasions in life and not acting differently in front of neighbors, parents, friends, in-laws, etc.. and staying true to our self and not being afraid of other people’s judgment.
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एक गांव में दो मित्र नकुल और अनंत रहते थे. नकुल बहुत धार्मिक था और भगवान को बहुत मानता था. जबकि अनंत बहुत मेहनती था. एक बार दोनों ने मिलकर एक बीघा जमीन खरीदी. जिससे वह बहुत फ़सल ऊगा कर अपना घर बनाना चाहते थे.
अनंत तो खेत में बहुत मेहनत करता लेकिन नकुल कुछ काम नहीं करता बल्कि मंदिर में जाकर भगवान से अच्छी फसल के लिए प्रार्थना करता था. इसी तरह समय बीतता गया. कुछ समय बाद खेत की फसल पक कर तैयार हो गयी. जिसको दोनों ने बाजार ले जाकर बेच दिया और उनको अच्छा पैसा मिला. घर आकर अनंत ने नकुल को कहा की इस धन का ज्यादा हिस्सा मुझे मिलेगा क्योंकि मैंने खेत में ज्यादा मेहनत की है. यह बात सुनकर नकुल बोला नहीं, धन का तुमसे ज्यादा हिस्सा मुझे मिलना चाहिए, क्योकि मैंने भगवान से इसकी प्रार्थना की तभी हमको अच्छी फ़सल हुई. भगवान के बिना कुछ संभव नहीं है. जब वह दोनों इस बात को आपस में नहीं सुलझा सके तो धन के बॅटवारे के लिए दोनों गांव के मुखिया के पास पहुंचे. मुखिया ने दोनों की सारी बात सुनकर उन दोनों को एक – एक बोरा चावल का दिया जिसमें कंकड़ मिले हुए थे. मुखिया ने कहा की कल सुबह तक तुम दोनों को इसमें से चावल और कंकड़ अलग करके लाने है तब में निर्णय करूँगा की इस धन का ज्यादा हिस्सा किसको मिलना चाहिए. दोनों चावल की बोरी लेकर अपने घर चले गए. अनंत ने रात भर जागकर चावल और कंकड़ को अलग किया. लेकिन नकुल चावल की बोरी को लेकर मंदिर में गया और भगवान से चावल में से कंकड़ अलग करने की प्रार्थना की. अगले दिन सुबह अनंत जितने चावल और कंकड़ अलग कर सका उसको ले जाकर मुखिया के पास गया. जिसे देखकर मुखिया खुश हुआ. नकुल वैसी की वैसी बोरी को ले जाकर मुखिया के पास गया. मुखिया ने नकुल को कहा की दिखाओ तुमने कितने चावल साफ़ किये है. नकुल ने कहा की मुझे भगवान पर पूरा भरोसा है की सारे चावल साफ़ हो गए होंगे. जब बोरी को खोला गया तो चावल और कंकड़ वैसे के वैसे ही थे. जमींदार ने नकुल को कहा की भगवान भी तभी सहायता करते है जब तुम मेहनत करते हो. जमींदार ने धन का ज्यादा हिस्सा अनंत को दिया. इसके बाद नकुल भी अनंत की तरह खेत में मेहनत करने लगा और अबकी बार उनकी फ़सल पहले से भी अच्छी हुई. नैतिक कहानियां: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमें कभी भी भगवान के भरोसे नहीं बैठना चाहिए. हमें सफलता प्राप्त करने के लिए मेहहनत करनी चाहिए. कृपया इस वीडियो को पसंद करें, और इस चैनल की सदस्यता लें , हमें इस तरह के वीडियो बनाते रहने के लिए प्रेरित करें। इस वीडियो को देखने के लिए धन्यवाद. |
Author: AnanthArchives
June 2021
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